आदर्शवाद पर सभी लेख

Aadarshvad Par Sabhi Lekh

आदर्शवाद पर सभी लेख (Aadarshvad Par Sabhi Lekh) : इस लेख में हमनें आदर्शवाद (Idealism) टॉपिक पर विद्यादूत में उपलब्ध सभी लेखों को एक स्थान पर प्रस्तुत किया है, जिससे शिक्षार्थियों को सभी सामग्री एक स्थान पर उपलब्ध हो जाये और उनका समय बचे | आदर्शवाद (Aadarshvad) पाश्चात्य दर्शन (Western Philosophy) की एक प्राचीन विचारधारा है | आदर्शवाद सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड को ईश्वर द्वारा निर्मित मानता है | यह वस्तु की अपेक्षा विचारों, आदर्शों व भावों को अधिक महत्व देता है |

आदर्शवाद के अनुसार ईश्वर अंतिम सत्य है और आत्मा ईश्वर का अंश है | मानव जीवन का अंतिम उद्देश्य आत्मानुभूति है, जो आध्यात्मिक जीवन जीने से प्राप्त होती है |

आदर्शवाद को टॉपिक-वाइस विस्तार से पढ़ने के लिए नीचें दिए गये लिंक को देखें –

  1. आदर्शवाद का अर्थ, रूप, सिद्धांत, पाठ्यक्रम, शिक्षण-विधियाँ
  2. आदर्शवाद और पाठ्यक्रम
  3. आदर्शवाद और शिक्षा
  4. आदर्शवाद के मूल सिद्धांत
  5. आदर्शवाद के रूप
  6. आदर्शवाद क्या है
  7. आदर्शवाद का अर्थ और परिभाषा
  8. आदर्शवाद और शिक्षा के उद्देश्य

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आदर्शवाद का सम्बन्ध भौतिक संसार जगत से नही बल्कि अध्यात्म से है | यह मानव-जीवन का लक्ष्य प्रकृति की अपेक्षा मानव और उसके व्यक्तित्व के विकास और आध्यात्मिक मूल्यों को मानता है | यह भौतिक जगत को असत्य मानता है क्योकि वह है | इसके अनुसार आध्यात्म सत्य है, चिर है और अनश्वर है | आध्यात्मिक जगत आदर्शों का संसार है, इसमे विचार और भाव है | आदर्शवादी विचारधारा मानव के आध्यात्मिक विकास पर विशेष जोर देता है |

आदर्शवाद की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार है –

(1) इस ब्रह्माण्ड को ईश्वर ने बनाया है और वह ही अंतिम सत्य है |

(2) मानव-जीवन का अंतिम उद्देश्य आत्मानुभूति है |

(3) भौतिक जगत की तुलना में आध्यात्मिक जगत श्रेष्ठ है |

(4) मानव इस ब्रह्माण्ड की सर्वश्रेष्ठ रचना है |

(5) इस जगत का आधार विचार है |

(6) मानव-जीवन का अंतिम लक्ष्य आत्मा की प्राप्ति है |

(7) मानव जीवन का उद्देश्य आध्यात्मिक मूल्यों की प्राप्ति है |

(8) आत्मा ईश्वर (परमात्मा) का अंश है और एक आध्यात्मिक तत्व है |