What is Idealism in Hindi : आदर्शवाद क्या है

Aadashwad kya hai

आदर्शवाद क्या है (What is Idealism in Hindi) : विद्यादूत के इस लेख में हम ‘आदर्शवाद क्या है’ पर चर्चा करेंगें | आप इस लेख के अंत में दिए गये आदर्शवाद से सम्बन्धित अन्य लेख भी जरुर पढ़ें | पाश्चात्य दर्शन (Western philosophy) में आदर्शवाद प्राचीनतम विचारधारा है | पाश्चात्य दर्शन की उत्पत्ति यूनान (ग्रीस) से मानी जाती है | सर्वप्रथम यूनान के दार्शनिक थेल्स (Thales) के विचारों में हमें आदर्शवादी विचारधारा की झलक दिखाई देती है | यूनान के प्रसिद्ध दार्शनिक सुकरात ने इस विचारधारा को आगे बढ़ाया | सुकरात के बाद उनके शिष्य प्लेटो (Plato) ने दर्शन के रूप में आदर्शवाद को प्रतिष्ठित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई | प्लेटो यूनान के प्रथम दार्शनिक थें, जिन्होंने अपने दार्शनिक चिन्तन को बहुत ही व्यवस्थित व तर्कपूर्ण तरीके से प्रस्तुत किया |

प्लेटो ने विचारों (Ideas), जिसे वह ‘प्रत्यय’ का नाम देते है, की सत्ता को सत्य स्वीकार किया | यही कारण है कि इसे विचारवाद का नाम दिया गया |

प्लेटो के पश्चात् उनके शिष्य अरस्तु ने उनकी इस विचारधारा में अपने विचारों को शामिल किया | यद्यपि दर्शन में आदर्शवाद ‘आदर्श’ की व्याख्या तो जरुर करता है लेकिन उसका मुख्य मुख्य विषय ‘आदर्श’ के स्थान पर ‘विचार’ है |

आदर्शवाद वह दार्शनिक विचारधारा है जो विचार, मन व आत्मा को ही यथार्थ मानती है | आदर्शवाद वस्तु की अपेक्षा विचार, भाव और आदर्श को अधिक महत्व देता है |

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यह प्रकृति की अपेक्षा मानव को अधिक महत्व देता है | इसके अनुसार केवल विचार सत्य और वास्तविक है |

आदर्शवाद जीवन के आध्यात्मिक पक्ष पर अत्यधिक बल देता है और उन विचारधाराओं को नकारता है जिनका केन्द्र प्रकृति, विज्ञान अथवा मानव |

यह भौतिक जगत् की अपेक्षा आध्यात्मिक जगत् को अधिक सत्य व महत्वपूर्ण मानता है | इसके अनुसार मानसिक अथवा आध्यात्मिक सत्ता ही परम सत्ता है | (What is Idealism in Hindi)

आदर्शवाद के प्रवर्तक

सुकरात (Socrates), प्लेटो (Plato) व अरस्तु (Aristotle) ने आदर्शवादी विचारधारा को महत्वपूर्ण स्थान दिया |

आदर्शवादी विचारधारा के प्रमुख समर्थक थे – सुकरात, प्लेटो, अरस्तु, देकार्ते, कान्ट, फिश्टे, हीगल, स्पिनोजा, लाइबनित्ज, बर्कले, शैलिंग, शॉपेनहावर आदि |

आधुनिक काल में आदर्शवाद का शिक्षा के क्षेत्र में प्रयोग करने वाले पाश्चात्य दार्शनिकों में इटली के जेन्टिले, जर्मनी के पेस्टालाजी, फ्रोबेल और हरबर्ट, अमेरिका के हर्मन एच. हॉर्न, इंग्लैंण्ड के टी. पी. नन आदि प्रमुख है |

आदर्शवादी विचारधारा के प्रमुख भारतीय समर्थक हैं – स्वामी विवेकानन्द, अरविन्द घोष, महात्मा गाँधी, रविन्द्रनाथ टैगोर आदि |

आदर्शवाद की प्रमुख विशेषताएँ Chief Charecteristics of Idealism

आदर्शवाद की प्रमुख विशेषाएं निम्नलिखित है –

1. आदर्शवाद सार्वभौमिकता में विश्वास करता है |

2. आध्यात्मिक सत्ता ही परम सत्ता है |        

3. भौतिक जगत् नाशवान है तथा असत्य है |

4. ईश्वर ही अन्तिम सत्य (Ultimate Reality) है |

5. ईश्वर ने ही सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड का निर्माण किया है |

6. मानव जीवन का अन्तिम उद्देश्य आत्मानुभूति अथवा ईश्वर की प्राप्ति है |

7. आत्मा एक आध्यात्मिक तत्व और ईश्वर का अंश है |

8. आत्मा अमर है और प्रत्येक प्राणी में आत्मा का निवास है |

9. वस्तु अथवा भौतिक जगत् की अपेक्षा आध्यात्मिक जगत् सत्य व श्रेष्ठ है |

10. मानव जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण आध्यात्मिक मूल्य है |

11. सत्यं, शिवं और सुन्दरम् तीन शाश्वत मूल्य है |

12. मानव ब्रह्माण्ड की सर्वश्रेष्ठ रचना है |

13. मानव अन्य प्राणियों (पशुओं) की तुलना में श्रेष्ठ है |

14. मानव जीवन के लिए नैतिक आचरण आवश्यक है |

इस लेख “आदर्शवाद क्या है (What is Idealism in Hindi)” से सम्बन्धित कोई भी प्रश्न आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है | आदर्शवाद से सम्बन्धित और लेख नीचे दिए गये है |

सम्बन्धित लेख –

1 आदर्शवाद का अर्थ और परिभाषाएं (Aadarshwad Ka Arth Aur Paribhashayen)

2. आदर्शवाद के रूप (aadarshwad Ke Roop)

3. आदर्शवाद के मूल सिद्धांत (Aadarshwad Ke Mool Siddhant)

4. आदर्शवाद और शिक्षा (Aadarshwad Aur Shiksha)

5. आदर्शवाद और शिक्षा के उद्देश्य (Aadarshwad Aur Shiksha Ke Uddeshya)

6. आदर्शवाद और पाठ्यचर्या (Aadarshwad Aur Pathyacharya)

7. आदर्शवाद और शिक्षण विधियाँ (Aadarshwad Aur Shikshan Vidhiyan)

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