हड़प्पा सभ्यता की मुहरें

Hadappa Sabhyata Ki Muharen

हड़प्पा सभ्यता की मुहरें (Hadappa Sabhyata Ki Muharen/Seals of Harappan Civilization) : हड़प्पा सभ्यता की सर्वोत्तम कलाकृतियां उनकी मुहरें (सीलें/मुद्राएँ) है | यहाँ से अनेक मुहरें मिली है | विद्वानों के अनुसार इन मुहरों का प्रयोग सम्भवतः धनी लोग अपनी निजी सम्पत्ति को चिह्नित करने और पहचानने के लिए करते होंगे तथा सम्भवतः इन्हे ताबीज के रूप में भी शरीर पर धारण किया जाता होगा | अभी तक 2500 से अधिक मुहरे प्राप्त हो चुकी है, ऐसा माना जा रहा है कि प्रत्येक मुख्य नागरिक के पास एक मुहर होती थी |

अधिकांश मुहरे चौकोर और सेलखड़ी (एक प्रकार का चिकना और मुलायम पत्थर) की बनी हुई है | मिट्टी, काँचली मिट्टी (Faience), गोमेद, आदि की भी मुहरे मिली है |

हड़प्पा, मोहनजोदड़ो और लोथल जैसे व्यापारिक केन्द्रों से अत्यधिक संख्या में मुहरें प्राप्त हुई है | जबकि कुछ हड़प्पाई स्थल से एक भी नही अथवा एक-दो मुहरें ही मिली है |

कलाकृतियों की दृष्टि से कुछ मुहरें सर्वोत्तम, जिनकी गणना विश्व की महान कलाकृतियों में की जा सकती है, तो कुछ अत्यधिक साधारण ही है | मुहरों पर कूबड़ वाले बैल (सांड) की आकृतियाँ विशेष कुशलता से बनी हुई है |

आकार-प्रकार की दृष्टि से भी मुहरों में विविधता मिलती है | मुहरें वर्गाकार, बेलनाकार, घनाकार, गोलाकार आदि कई प्रकार की है | वर्गाकार मुहरें ज्यादा लोकप्रिय थी और ये लगभग सभी सेलखड़ी की बनी हुई है | मुहरों का सबसे अधिक प्रचलित आकार 2.8 × 2.8 से.मी. था |

लोथल और देशलपुर से तांबे की मुहरे प्राप्त हुई है | अधिकांश हड़प्पाई मुहरों पर लेख और पशु आकृतियां मिलती है | | मुहरों पर लघु लेखों के साथ-साथ एक-श्रृंगी पशु, सांड, भैंस, बकरी, हाथी, गैंडा, बाघ, खरगोश, मछली, घड़ियाल, बिच्छू आदि की आकृतियां मिलती है |

लेखयुक्त मुहरें सबसे ज्यादा हड़प्पा से प्राप्त हुई है | चन्हुदड़ो से प्राप्त एक मिट्टी की मुहर पर दो मछलियों और तीन घड़ियालों का अंकन मिलता है | कुछ मुहरों पर पेड़, अर्ध-मानवीय और मानवीय आकृतियाँ भी मिलती है |

कुछ मुहरें ऐसी भी मिली है जिनमे मानव और कुछ जानवरों के अलग-अलग हिस्सों को जोड़कर एक काल्पनिक आकृति बनाई गयी है | कुछ मुहरे मेसोपोटामिया और फारस की खाड़ी से भी प्रभावित लगती है |

कुछ मुहरों में एक व्यक्ति को अपनी फैलाई गयी दोनों भुजाओं द्वारा दो दहाड़ते हुए बाघों को गले से पकड़े हुए उनसे लड़ता हुआ दर्शाया गया है | यह दृश्य मेसोपोटामिया के प्राचीन नायक गिलगमेश की याद दिलाता है जिसके विषय में दो बाघों को मारने की प्रथा प्रचलित है | पाठकों को बता दे कि गिलगमेश प्राचीन सुमेरी वीरकाव्य और उसके नायक का नाम है | गिलगमेश को विश्व का प्राचीनतम वीरकाव्य माना जाता है, साथ ही इसे मानव जाति की प्रथम पुस्तक का भी दर्जा दिया जाता है |

लोथल से एक बटन जैसी गोल मुहर प्राप्त हुई है जिसमे एक राक्षस, जिसके दो मुहँ है, के दोनों तरफ एक-एक हिरन कूद रहे है | इसी प्रकार की मुहरें फारस की खाड़ी से भी मिली है |

मोहनजोदड़ो की एक मुहर पर नाव की आकृति मिलती है | कुछ मुहरों पर स्वास्तिक का चिन्ह भी बना है | मुहरों में सबसे अधिक एक-श्रृंगी पशु की आकृति मिलती है | मुहरों में मृण्मूर्तियों वाली मातृदेवी की आकृति कही नही मिलती है |

हड़प्पाई मुहरें विदेशों में भी प्राप्त हुई है | मेसोपोटामिया के सूसा, उर आदि स्थानों से हड़प्पाई मुहरों जैसी कई मुहरे प्राप्त हुई है | इसके आलावा फारस की खाड़ी में बहरीन और फैलका स्थानों से भी हड़प्पाई मुहरे प्राप्त हुई है | इन क्षेत्रों में ये मुहरें व्यापार के माध्मय से पहुची होंगी |

मुहरों के साथ-साथ मुहरों की छाप भी कही-कही से प्राप्त होती है | लोथल, कालीबंगन आदि स्थानों से मुहरों की छापें मिली है | सम्भवतः ये छापें आजकल की भांति पत्र, पार्सल आदि वस्तुओं को मुहरबंद किये जाने हेतु प्रयोग की जाती थी |

लोथल से मिली एक मुहर-छाप पर सूती-कपड़े के निशान के साक्ष्य मिले है | चन्हुदड़ो से मिली एक वर्गाकार मुहर-छाप पर दो नग्न-नारियाँ अपने एक-एक हाथ में ध्वज, जिसमे से पीपल की पत्तियाँ निकल रही है, लिए हुए खड़ी अंकित है | 

ये भी देखें – इतिहास के सभी लेख | शिक्षाशास्त्र के सभी लेख | दर्शनशास्त्र के सभी लेख | समाजशास्त्र के सभी लेख | अर्थशास्त्र के सभी लेख

हड़प्पा सभ्यता के अन्य लेख भी देखें –

  1. हड़प्पा सभ्यता की उदभव, क्षेत्रफल और सीमाएं
  2. हड़प्पा सभ्यता का कालक्रम
  3. हड़प्पा सभ्यता का नामकरण
  4. हड़प्पा सभ्यता में कृषि व पशुपालन
  5. सिन्धु सभ्यता की नगर योजना प्रणाली
  6. सिन्धु सभ्यता का धार्मिक जीवन
  7. सिन्धु सभ्यता का आर्थिक जीवन

FAQ : हड़प्पा सभ्यता की मुहरें

प्रश्न 01. हड़प्पा सभ्यता की मुहरों पर सर्वाधिक किस पशु का चित्रण मिलता है ?

उत्तर. हड़प्पा सभ्यता से प्राप्त मुहरों या मुद्राओं में सर्वाधिक संख्या ऐसी मुहरों (मुद्राओं) की है जिन पर एक श्रृंगी (पशु) चित्रित है |

प्रश्न 02. हड़प्पा सभ्यता की सबसे अधिक मुहरें किसकी बनी हुई थी ?

उत्तर. हड़प्पा सभ्यता की सबसे अधिक मुहरें सेलखड़ी की बनी हुई थी |

प्रश्न 03. सिन्धु सभ्यता की मुहरों का सामान्यतः आकार क्या था ?

उत्तर. सिन्धु सभ्यता से प्राप्त मुहरें सामान्यतः 2.8 × 2.8 सेमी आकार की है |

प्रश्न 04. किस हड़प्पा स्थल से पशुपति शिव की मुहर मिली है ?

उत्तर. मोहनजोदड़ो से पशुपति शिव की मुहर मिली है |

प्रश्न 05. हड़प्पा सभ्यता के किस स्थल से लेखयुक्त मुहरें सबसे ज्यादा प्राप्त हुई है ?

उत्तर. हड़प्पा स्थल से सबसे ज्यादा लेखयुक्त मुहरें प्राप्त हुई है |

प्रश्न 06. किस हड़प्पाई स्थल से तांबे की मुहरें प्राप्त हुई है |

उत्तर. लोथल और देशलपुर से तांबे की मुहरें प्राप्त हुई है |