Leap Year, Leap Day, लीप ईयर क्या होता है ? 29 फरवरी को लीप ईयर डे मनाया जाता है | यह बहुत ही खास दिन होता है क्योकि हर चौथे वर्ष में फरवरी 29 दिन की होती है | वर्ष 2020 की फरवरी 29 दिनों की है अब अगली 29 दिनों की फरवरी 2024 में आएगी | लीप ईयर (leap year) वह साल होता है जिसमे 365 की जगह 366 दिन होते है | अगर लीप ईयर डे को फरवरी 29 की जगह 28 की हो तो ऐसा होने पर हर वर्ष 6 घंटे का फर्क आ जायेगा | इसी समस्या का समाधान करने के लिए लीप ईयर की फरवरी को 29 दिनों की बनाई गयी है ताकि पृथ्वी द्वारा सूर्य का चक्कर लगाने पर कैलेंडर का संतुलन बना रहे |
वास्तव में 1 दिन 24 घंटे का नही होता है बल्कि 1 दिन-रात 23 घंटे, 56 मिनट और 4.09 सेकेण्ड का होता है | अर्थात् 23 घंटे 56 मिनट 4.09 सेकंड में पृथ्वी अपने अक्ष पर एक बार घूम जाती है (पृथ्वी की घूर्णन गति) |
must read – Sir John Tenniel Google Doodle : Sir John Tenniel in Hindi
इसी प्रकार पृथ्वी को सूर्य का पूरा एक चक्कर लगाने में 365 दिन, 5 घंटे, 9 मिनट व 9.54 सेकंड लगते है (पृथ्वी की परिभ्रमण गति)| इस कारण प्रत्येक 4 साल में 1 दिन बढ़ जाता है
इसलिए हर 4 साल बाद फरवरी में 1 दिन अधिक जोड़कर संतुलन बनाने का प्रयास किया जाता है | जिससे कैलेंडर वर्ष और खगोलीय वर्ष समान रूप से चलते रहें |
लीप ईयर कैसे निकाले
अगर आपके मन में प्रश्न उठ रहा है कि लीप ईयर (लीप ईयर डे) कैसे निकालते है तो इसका सबसे आसान तरीका यह है कि जिस वर्ष को 4 से भाग देने पर शेष शून्य (जीरो) आता है वो वर्ष लीप ईयर होता है | लेकिन शर्त यह है कि केवल वही शताब्दी वर्ष लीप ईयर होगा, जो 400 के नम्बर से पूरी तरह विभाजित हो जाये |
इस प्रकार वर्ष 1700, 1800, 1900 लीप ईयर नही थें, जबकि वर्ष 1200, 1600, 2000 लीप ईयर था | 21 सदी में प्रत्येक चौथा वर्ष लीप ईयर रहा |
वर्ष 2020 के बाद अगला लीप ईयर 2024 और उसके बाद 2028, 2032, 2036, 2040, 2044 को होगा और यह सिलसिला इसी प्रकार चलता रहेगा |
भूगोल विषय के सभी लेख देखें – भूगोल (Geography)