About Vitamins in Hindi | विटामिन प्रकार स्रोत कार्य

About Vitamins in Hindi

About Vitamins in Hindi (विटामिन प्रकार स्रोत कार्य) : विटामिन क्या होते हैं ? विटामिन क्यों जरूरी है ? विटामिन (Vitamin) एक प्रकार के कार्बनिक यौगिक (organic compounds) होते है, जो प्राणियों में उनके शरीर की सामान्य वृद्धि-विकास और विभिन्न रोगों से बचाव के लिए आवश्यक हैं | विटामिन हमारी आँख, हड्डियों, दाँतों, मसूढ़ों आदि को स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं | विटामिन की कमी से होने वाले रोगों को अपूर्णता रोग (deficiency diseases) कहा जाता है |

चूँकि मानव शरीर को विभिन्न विटामिनों की अल्प मात्रा की आवश्यकता होती है, इसीलिए विटामिन को सूक्ष्म पोषक कहा जाता है | विटामिन शब्द का सबसे पहले प्रयोग फंक (Funk) ने किया था |

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विटामिन की आवश्यकता | Need of Vitamins | About Vitamins in Hindi

About Vitamins in Hindi (विटामिन प्रकार स्रोत कार्य) : विटामिन सामान्य उपापचय, वृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य के लिए अतिआवश्यक हैं | विटामिन को रक्षात्मक खाद्य (Protective foods) भी कहा जाता है क्योकि विटामिन टिश्यू में एन्जाइम को निर्मित करते है, जो सेल्स और टिश्यू में पोषक तत्वों को परिवर्तित करने में सहायता करते है |

विटामिन हमारे शरीर में नियंत्रकों (Regulators) की भूमिका निभाते है | हमारे शरीर में होने वाली बहुत सारी रासायनिक क्रियाएँ केवल विटामिन के कारण ही मुमकिन हो पाती हैं |

यद्यपि विटामिन हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान नही करते है लेकिन यें हमारे शरीर को भिन्न-भिन्न पोषकों के प्रभावशाली उपयोग के योग्य बनाते है |

विटामिन हमारे शरीर को कार्बोहाइड्रेट्स, वसा और प्रोटीन की भांति ऊर्जा प्रदान नही करते है | साथ ही शरीर को विटामिन की बहुत अल्प मात्रा में ही जरूरत होती है |

लेकिन यें हमारे शरीर की लिए अत्यंत आवश्यक होते है | इसीलिए हमारे आहार में विटामिन का होना जरूरी है |

विटामिन हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक होते है और हमे विभिन्न बीमारियों से बचाते है | इसीलिए विटामिन को वृद्धि तत्व (growth factors) कहते है | विटामिन हमारे शरीर के कुछ अतिविशिष्ट कार्य सम्पन्न करने में मदद करते है |

विटामिन के प्रकार | Types of Vitamins | About Vitamins in Hindi

विटामिन मुख्य रूप से दो प्रकार के होते है –

  1. जल में घुलनशील विटामिन (Water Soluble Vitamins)
  2. वसा में घुलनशील विटामिन (Fat Soluble Vitamins)

विटामिन का वर्गीकरण : विटामिन को उनकी रासायनिक बनावट और किये गये शारीरिक कार्यों के आधार पर विटामिन A, विटामिन B, विटामिन C, विटामिन D, विटामिन E और विटामिन K में वर्गीकृत किया गया है |

इनमे से कुछ विटामिन जल में घुलनशील होते है तो कुछ वसा में घुलनशील होते है |

जीवों में अभी तक करीब 20 प्रकार के विटामिन का पता लग चुका है | इन बीस विटामिनों में से दो विटामिन – विटामिन-D और नियासिन का तो हमारे शरीर संश्लेषण हो जाता है लेकिन शेष विटामिनों को भोजन के द्वारा ग्रहण करना पड़ता है |

जल में घुलनशील विटामिन | Water-Soluble Vitamins

जल में घुलनशील विटामिन (Water-Soluble Vitamins) विटामिन-B और विटामिन-C है | जल में घुलनशील विटामिन का शरीर में विशेष संचय नही होता है |

अतः इन विटामिन को अगर आवश्यकता से अधिक मात्रा में लिया जाये तो ये मूत्र के साथ उत्सर्जन होते रहते है |

यही कारण है कि जल में घुलनशील विटामिन (Vit. B, Vit. C) को प्रतिदिन भोजन के द्वारा ग्रहण करना पड़ता है |

वसा में घुलनशील विटामिन | Fat-Soluble Vitamins

वसा में घुलनशील विटामिन (Fat-Soluble Vitamins) विटामिन-A, विटामिन-D, विटामिन-E, और विटामिन-K है | वसा में घुलनशील विटामिन का मूत्र के साथ उत्सर्जन नही होता है |

इसलिए वसा ऊतकों (tissue) में इनका कुछ मात्रा में संचय होता है |

यही कारण है कि वसा में घुलनशील विटामिन (Vit. A, Vit. D, Vit. E, Vit. K) को प्रतिदिन भोजन के द्वारा ग्रहण करना जरूरी नही होता है |

विटामिन के रासायनिक नाम | About Vitamins in Hindi

विटामिन ए (Vitamin A) का रासायनिक नाम – रेटिनॉल (Retinol)

विटामिन बी1 (Vitamin B1) का रासायनिक नाम – थायमिन (Thiamine)

विटामिन बी2 (Vitamin B2) का रासायनिक नाम – राइबोफ्लेविन (Riboflavin)

विटामिन बी3 (Vitamin B3) का रासायनिक नाम – नियासिन (Niacin or Nicotinic Acid)

विटामिन बी5 (Vitamin B5) का रासायनिक नाम – पेन्टोथेनिक एसिड (Pantothenic Acid)

विटामिन बी6 (Vitamin B6) का रासायनिक नाम – पाइरीडॉक्सिन  (Pyridoxine)

विटामिन बी7 (Vitamin B7) का रासायनिक नाम – बायोटिन (Biotin)

विटामिन बी9 (Vitamin B9) का रासायनिक नाम – फोलिक एसिड (Folic Acid or Folate or Folacin)

विटामिन बी12 (Vitamin B12) का रासायनिक नाम – साइनोकोबैलिन (Cyanocobalamin)

विटामिन सी (Vitamin C) का रासायनिक नाम – एस्कॉर्बिक एसिड  (Ascorbic Acid)

विटामिन डी (Vitamin D) का रासायनिक नाम – केल्सीफैर्रोल (Calciferols)

विटामिन ई (Vitamin E) का रासायनिक नाम – टोकोफेर्रोल (Tocopherol or Tocotrienols)

विटामिन के (Vitamin K) का रासायनिक नाम – फिलोक्विनोन (Phylloquinone)

विटामिन के स्रोत | Sources of Vitamins

विटामिन ए के स्रोत Sources of Vitamin A

विटामिन A (रेटिनॉल) के स्रोत है – हरी पत्तेदार सब्जियां, दूध, दूध से बने उत्पाद, घी, मक्खन, अण्डे की जर्दी, मछली का तेल, यकृत (कलेजी), गाजर, टमाटर, पीले फल आदि |

विटामिन बी1 के स्रोत Sources of Vitamin B1

विटामिन B1 (थायमिन) के स्रोत है – दूध, बिना धुली दालें, मूंगफली, सोयाबीन, तिल, सूखी मिर्च, चावल, गेहूं आदि |

विटामिन बी2 के स्रोत  Source of Vitamin B2

विटामिन B2 (राइबोफ्लेविन) के स्रोत है – दूध, दूध से बनी चीजे, हरी पत्तेदार सब्जियां, खमीर, मांस, अंडा, कलेजी आदि |

विटामिन बी6 के स्रोत Source of Vitamin B6

विटामिन B6 (पाइरीडॉक्सिन) के स्रोत है – हरी सब्जियां, मांस, कलेजी आदि |

विटामिन बी12 के स्रोत  Source of Vitamin B12

विटामिन B12 (साइनोकोबैलिन) के स्रोत है – दूध, कलेजी, मांस आदि |

विटामिन बी9 के स्रोत Source of Vitamin B9

विटामिन B9 (फोलिक अम्ल) के स्रोत है – हरी सब्जियां, दालें, कलेजी आदि |

विटामिन सी के स्रोत Source of Vitamin C

विटामिन C (एस्कॉर्बिक एसिड) के स्रोत है – आंवला, संतरा, नीबू आदि खट्टे फल (विटामिन-C सिट्रस अर्थात् निम्बु-वंश के सभी फलों में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है), अमरूद, टमाटर, हरी व पत्तेदार सब्जियां, आलू, अंकुरित अनाज, टमाटर आदि |

विटामिन डी के स्रोत  Source of Vitamin D

विटामिन D (कैल्सिफेरॉल) के स्रोत है – दूध व दूध से बने उत्पाद, अण्डे की जर्दी, कलेजी, कॉड लीवर ऑइल (cod liver oil) सूर्य प्रकाश की उपस्थिति में शरीर स्वयं भी निर्मित करता है |

विटामिन ई के स्रोत  Source of Vitamin E

विटामिन E (टोकोफेर्रोल) के मुख्य स्रोत है – गेहूं के अंकुर, दूध, मक्खन, हरी पत्तेदार सब्जियां, टमाटर आदि |

विटामिन-के के स्रोत Source of Vitamin K

विटामिन K (फिलोक्विनोन) के मुख्य स्रोत है – हरी सब्जियां, टमाटर, आँतों में भी उत्पन्न आदि |

विटामिन के कार्य | Function of Vitamins

विटामिन की मानव शरीर को अल्प मात्रा में ही आवश्यकता होती है | यह ध्यान योग्य बात है कि विटामिन से हमारे शरीर को कोई ऊर्जा प्राप्त नही होती है, इसके बावजूद हमारे आहार में विभिन्न विटामिनों का होना अत्यधिक आवश्यक है, इसका कारण यह है कि विटामिन हमारे शरीर के कुछ विशिष्ट प्रकार्य पूर्ण करने में सहायता करते है |

विटामिन हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद आवश्यक है | यदि हमारे आहार में विटामिन शामिल न हो तो हमारे बीमार पड़ने की सम्भावना बढ़ जाती है | विटामिन हमारे शरीर को रोगों से रक्षा करने में सहायता करते हैं |

मानव के शरीर में होने वाली बहुत सारी रासायनिक अभिक्रियाएँ विभिन्न विटामिनों की मौजूदगी में ही सम्भव हो पाती है |

विभिन्न विटामिनों के विभिन्न कार्य निम्नलिखित है –

विटामिन A के कार्य Function of Vitamin A

विटामिन ए वसा में घुलनशील विटामिन है | विटामिन A के कार्य हैं – बच्चों में सामान्य विकास, आँखों का स्वास्थ्य (good vision), स्वस्थ त्वचा, स्वस्थ बाल, हड्डीयों व दाँतों की वृद्धि |

हम विटामिन A का संश्लेषण पादप रंजक कैरोटीन की मदद से कर सकते है, जो हरी व पीली पत्तेदार सब्जियों में मौजूद रहता है |विटामिन A रतौंधी से रक्षा करता है |

यह हमारी त्वचा को खुश्क व खुरदरी होने से बचाता है | विटामिन ए हमारे यकृत में एकत्रित होता है |

विटामिन B के कार्य Function of Vitamin B

विटामिन बी जल में घुलनशील है | विटामिन बी कॉम्प्लेक्स जल में घुलनशील 11 प्रकार के विटामिनों का एक ग्रुप है | विटामिन बी कॉम्प्लेक्स (Vitamin B Complex) में Vitamin B1, Vitamin B2, Vitamin B6, Vitamin B12, फोलिक अम्ल आदि विटामिन शामिल है |

इस विटामिन में नाइट्रोजन मौजूद है | विटामिन B बेरी-बेरी रोग से बचाता है | बेरी-बेरी रोग होने से व्यक्ति की पेशियाँ शिथिल हो जाती है जिसके कारण वह व्यक्ति भौतिक कार्य करने में सक्षम नही रहता है |

विटामिन C के कार्य Function of Vitamin C

विटामिन C जल में घुलनशील है | विटामिन सी सामान्य वृद्धि और सम्पूर्ण शरीर के अधिकांश ऊतकों के उचित रखरखाव हेतु आवश्यक है |

विटामिन C हमारी त्वचा (skin) को स्वस्थ बनाए रखने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है | विटामिन सी दाँतों, मसूड़ों अस्थियों, संधियों के लिए अत्यधिक आवश्यक है |

यद्यपि ज्यादातर प्राणी ग्लूकोज से विटामिन C का संश्लेषण कर सकते है, लेकिन मानव नही कर सकते है | हमे अपने आहार में इसकी जरूरत होती है |

हमारे आहार में विटामिन सी की कमी होने पर मसूड़ों की त्वचा फटने लगती है और मसूड़ों से खून आने लगता है |

विटामिन सी हमारे लिए अत्यंत आवश्यक है | विटामिन सी हमारे शरीर को सामान्य सर्दी, जुकाम और अन्य रोगों से बचाता है |

जब हमारे शरीर में विटामिन C की कमी हो जाती है तो त्वचा के घाव भरने में अधिक समय लगता है | इसे स्कर्वी रोग कहते है | इसप्रकार विटामिन सी घाव भरने में सहायक विटामिन है |

यह विशेष ध्यान देने योग्य बात है कि खाद्य पदार्थों में मौजूद विटामिन C खाना पकाते समय गर्म किये जाने पर नष्ट हो जाते हैं | इसीलिए यह अत्यधिक आवश्यक है कि आपको अपने आहार में ताजे और बिना गर्म किये (पकाए) फल और सब्जियाँ शामिल करना चाहिए |

विटामिन D के कार्य Function of Vitamin D

विटामिन डी वसा में घुलनशील विटामिन है | विटामिन D का निर्माण हमारी त्वचा भी धूप में करती है | हमारी त्वचा द्वारा विटामिन डी का संश्लेषण सूर्य के प्रकाश पर निर्भर करता है |

विटामिन D हमारे शरीर के दाँतों व हड्डियों को कैल्सियम का उपयोग करने में सहायक है | विटामिन D (कैल्सिफेरॉल) छोटी आंत से कैल्शियम को अवशोषण में सहायक होता है |

विटामिन D अस्थि को बनाए रखने और उनकी वृद्धि के लिए जरूरी है | हमारे शरीर में विटामिन डी की कमी होने पर हड्डियाँ कमजोर व नर्म होकर आसानी से मुड़ जाती है | इसे रिकेट्स रोग कहा जाता है |

विटामिन E के कार्य Function of Vitamin E

विटामिन E (टोकोफेरॉल) असंतृप्त वसा अम्लों और विटामिन A के ऑक्सीकरण को अवरुद्ध करता है | विटामिन ई को प्रजनन विटामिन भी कहते है क्योकि यह विटामिन जनन क्रियाओं के लिए आवश्यक है |

विटामिन E की कमी से व्यक्ति की प्रजनन शक्ति क्षीण हो जाती है और वह नपुंसक हो जाता है | विटामिन E हमारी त्वचा को स्वस्थ व सुंदर भी बनाता है इसलिए विटामिन ई को ब्यूटी विटामिन भी कहा जाता है |

विटामिन K के कार्य Function of Vitamin K

विटामिन K हमारे शरीर के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है | विटामिन K की कमी से रक्त का थक्का (Blood Clotting) नही जम पाता है और जिसके कारण बहुत अधिक रक्तस्राव होता है |

इसप्रकार विटामिन K रक्तस्रावरोधी विटामिन है, जो यकृत में प्रोथाम्बिन (Prothombin) के निर्माण के लिए जरूरी है |

विटामिन की आवश्यक दैनिक मात्रा

हमारे शरीर में विटामिनों की अल्प मात्रा में ही आवश्यकता होती है | अगर आहार में विभिन्न विटामिनों को शामिल न किया जाये तो हमारे बीमार पड़ने की सम्भावना बढ़ जाती है |

स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है कि हमारे आहार में विटामिनों की आवश्यक दैनिक मात्रा शामिल हो |

वयस्क शरीर के लिए विभिन्न विटामिन की जरूरी दैनिक मात्रा निम्नलिखित है –

वयस्कों के लिए विटामिन की आवश्यक दैनिक मात्रा

  • विटामिन A की आवश्यक दैनिक मात्रा – 0.5 mg
  • विटामिन B1 की आवश्यक दैनिक मात्रा – 0.75 mg
  • विटामिन B2 की आवश्यक दैनिक मात्रा – 1.0 mg
  • विटामिन B6 की आवश्यक दैनिक मात्रा – 0.013 mg
  • विटामिन B12 की आवश्यक दैनिक मात्रा – 0.0013 mg
  • विटामिन C की आवश्यक दैनिक मात्रा – 25 mg
  • विटामिन D की आवश्यक दैनिक मात्रा – 0.01 mg
  • विटामिन E की आवश्यक दैनिक मात्रा – 4 mg

इस प्रकार हमे विटामिन के बारे में जानकारी मिल गयी है कि विटामिन, जोकि एक प्रकार के कार्बनिक यौगिक होते है, हमारे शरीर की सामान्य वृद्धि-विकास और विभिन्न रोगों से बचाव हेतु अतिआवश्यक हैं |

लेकिन विटामिन की हमारे शरीर को अल्प मात्रा में ही आवश्यकता होती है, जोकि हमे शाकाहारी और मांसाहारी दोनों प्रकार भोजनों से प्राप्त होते है |

यद्यपि ऊर्जा स्रोत के रूप में विटामिन का कोई महत्व नही है लेकिन यें हमारे शरीर के विभिन्न उपापचयी प्रक्रमों पर नियंत्रण करते है | विटामिनों की कमी से हमारे शरीर को विभिन्न प्रकार के रोगों का सामना करना पड़ता है |

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