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UPSESSB PGT History Study Material PDF IN HINDI
वास्कोडिगामा ने यूरोप से भारत के लिए केप ऑफ़ गुड होप समुद्र-मार्ग की क्रांतिकारी खोज की थी | 1498 में वास्कोडिगामा कालीकट के बन्दरगाह पहुंचा | वहां कालीकट के हिन्दू शासक जेमोरीन ने उसका स्वागत किया था | वास्कोडिगामा की दूसरी यात्रा वर्ष 1502 में हुई थी |
पुर्तगालियों ने अपनी पहली फैक्ट्री वर्ष 1500 में कालीकट में स्थापित की थी, जिसे कुछ वर्ष बाद जेमोरीन के दबाव के कारण बंद कर दिया गया था |
- ईस्ट इंडिया कंपनी ने दिल्ली पर अधिकार 1803 में किया था | उस समय मुगल बादशाह शाह आलम द्वितीय था |
- भारत में नियुक्त प्रथम पुर्तगाली गवर्नर फ्रांसिस्को डी अल्मेडा था |
- भारत में पुर्तगाली सत्ता का वास्तविक संस्थापक अल्बुकर्क था |
- 1510 में अल्बुकर्क ने बीजापुर के सुल्तान से गोवा छीन लिया था, जिसे ‘एस्तादो डी इंडिया’ कहा जाता था |
- अंग्रेजों ने दक्षिण भारत में अपनी पहली फैक्ट्री 1611 में मुसलीपट्टम में स्थापित की थी |
- 1617 में पहली बार अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी को सिक्का ढालने का अधिकार प्राप्त हुआ था |
- 1632 में गोलकुंडा के सुल्तान ने ईस्ट इंडिया कंपनी को एक फरमान जारी किया था जिसे ‘सुनहरा फरमान’ कहा जाता है |
- अंग्रेजों द्वारा 1639 में मद्रास में की गई किलेबंदी को ‘फोर्ट सेंट जॉर्ज’ का नाम दिया गया |
- 1668 में ब्रिटेन के राजकुमार चार्ल्स द्वितीय ने ईस्ट इंडिया कंपनी को 10 पाउंड वार्षिक किराए पर बम्बई को दे दिया था |
- 1698 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने सुतानाती, कालीकट और गोविंदपुर की जमीदारी 1200 रुपए में प्राप्त करके ‘फोर्ट विलियम’ की स्थापना की थी | फोर्ट विलियम के प्रथम अध्यक्ष सर चार्ल्स आयर थें |
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17वी शताब्दी में भारत संसार में औद्योगिक माल का सबसे बड़ा उत्पादक देश माना जाता था | भारत से निर्यात की जाने वाली प्रमुख वस्तुएं थी – सूती एवं रेशमी वस्त्र, मसाले, नील, चीनी, औषधियां, रत्न और विभिन्न दस्तकारी की वस्तुएं |
वर्ष 1772 में ईस्ट इंडिया कंपनी के गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स ने बंगाल में द्वैध शासन को खत्म करके फॉर्मिंग सिस्टम (इजारेदारी प्रथा) को शुरू किया | इसके अंतर्गत ईस्ट इंडिया कंपनी राजस्व वसूली का उत्तरदायित्वउस क्षेत्र विशेष के सर्वाधिक बोली लगाने वाले व्यक्ति को देती थी |
- फ्रांसीसियों का प्रमुख व्यापारिक केंद्र पाण्डिचेरी था |
- 1717 में मुगल बादशाह फर्रुखसियर ने ईस्ट इंडिया कंपनी को एक फरमान जारी किया था, जिसे ‘कंपनी का मैग्नाकार्टा’ कहा जाता है |
- ‘काल कोठरी’ या ‘ब्लैकहोल’ की घटना 20 जून 1756 की रात्रि में हुई थी |
- प्लासी का युद्ध 23 जून 1757 को मुर्शिदाबाद के निकट प्लासी नामक स्थान पर ईस्ट इंडिया कंपनी और बंगाल के नवाब के बीच हुआ था |
- बंगाल के नवाब मीर कासिम ने अपनी राजधानी मुर्शिदाबाद से मुंगेर स्थानांतरित कर ली थी |
- बंगाल के नवाब मीर जाफर को “कर्नल क्लाइव का गीदड़” कहा जाता था |
- के एम पणिक्कर ने बंगाल में रॉबर्ट क्लाइव के शासनकाल को ‘लुटेरा राज’ की संज्ञा दी है |
- भारत में लॉर्ड रिपन ने आधुनिक स्वशासन की शुरुआत की थी |
- लॉर्ड वेलेजली की सहायक संधि के तहत अंग्रेजों के साथ सबसे पहली संधि हैदराबाद के निजाम ने की थी |
- भारत में ठगी प्रथा का उन्मूलन विलियम बेंटिक के शासनकाल में कर्नल स्लीमैन ने की थी |
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अंग्रेजी सरकार ने भारत में एक समान भूराजस्व व्यवस्था को लागू नही क्या था | प्रमुख रूप से ब्रिटिश सरकार ने भारत में तीन प्रकार की भूराजस्व व्यवस्था लागू की थी – स्थायी बंदोबस्त, महालवाड़ी व्यवस्था और रैयतवाड़ी व्यवस्था |
लार्ड क्लाइव के समय भूराजस्व का वार्षिक बंदोबस्त लागू था | परन्तु वारेन हेस्टिंग्स ने इसे बढ़ाकर पांच वर्ष कर दिया था | फॉर्मिंग सिस्टम का भूमि को लगान वसूली के लिए ठेके पर दिए जाने की वजह से किसान शोषित होते गये तथा भुखमरी की अवस्था में पहुंच गये |
वर्ष 1793 में गवर्नर जनरल कार्नवालिस ने स्थायी बंदोबस्त (इस्तमरारी बंदोबस्त) की शुरुआत की | स्थायी बंदोबस्त बंगाल, बिहार, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश के वाराणसी प्रभाग और उत्तर कर्नाटक में लागू किया गया |
- बंगाल में द्वैत शासन व्यवस्था की शुरुआत रॉबर्ट क्लाइव ने की थी और द्वैत शासन व्यवस्था को वारेन हेस्टिंग्स ने समाप्त किया था |
- पंजाब में कूका आंदोलन के संस्थापक भगत जवाहरमल थे | भगत जवाहर मल को सैन साहब भी कहा जाता था |
- कॉर्नवालिस ने 1793 में बंगाल और बिहार में ‘स्थायी बंदोबस्त’ लागू किया था |
- लॉर्ड कॉर्नवालिस को भारत में नागरिक सेवा का जन्मदाता माना जाता है |
- उत्तर भारत में भूमि कर व्यवस्था का प्रवर्तक मार्टिन बर्ड को माना जाता है |
- भारत में प्रथम विद्युत टेलीग्राफ लाइन कोलकाता से आगरा के बीच शुरू की गई थी |
- भारत में प्रथम एयरमेल सेवा इलाहाबाद से नैनी तक शुरू की गई थी |
- भारत में प्रथम डाक सेवा कलकत्ता और मुर्शिदाबाद के बीच शुरू की गई थी |
- भारत में ब्रिटिश सरकार ने सर्वाधिक पूंजी निवेश रेलवे में किया था |
- 1773 में ब्रिटिश संसद ने ईस्ट इंडिया कंपनी की गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए रेग्युलेटिंग एक्ट पारित किया था | भारत में रेग्युलेटिंग एक्ट के तहत ही एक सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की गई थी |
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स्थायी बंदोबस्त (जमीदारी प्रथा) के अंतर्गत जमीदारों के एक नए वर्ग को भूमि का स्वामी घोषित किया गया | इन जमीदारों को भूराजस्व वसूल करना होता था |
प्रारम्भ में स्थायी बंदोबस्त (जमीदारी प्रथा) अस्थायी था, लेकिन कार्नवालिस ने वर्ष 1793 ने इसे स्थायी बंदोबस्त बना दिया था | स्थायी बंदोबस्त के अंतर्गत जमीदारों को उनके जमीदारी क्षेत्रों का सम्पूर्ण स्वामी बना दिया गया था |
- ईस्ट इंडिया कंपनी का भारतीय व्यापार से एकाधिकार 1813 का चार्टर एक्ट के द्वारा समाप्त हो गया |
- 1813 का चार्टर एक्ट में सर्वप्रथम भारतीयों की शिक्षा तथा साहित्य के प्रोत्साहन के लिए एल लाख रूपये वार्षिक खर्च करने की व्यवस्था की गई थी |
- 1935 में भारत सरकार अधिनियम के द्वारा केंद्र में द्वैध शासन की व्यवस्था की गई | 1835 के अधिनियम में प्रांतों को पूर्ण स्वायत्तता प्रदान करने का प्रयास किया गया था |
- 1935 के अधिनियम को जवाहरलाल नेहरू ने ‘अनेक ब्रेको वाली’ लेकिन ‘इंजनरहित मशीन’ कहा था |
- 1935 के अधिनियम के द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक और केंद्र में एक संघीय न्यायालय की स्थापना की गई थी |
- भारत में आधुनिक शिक्षा का जन्मदाता चार्ल्स ग्रांट को माना जाता है |
- राजा राममोहन राय को आधुनिक शिक्षा का अग्रदूत कहा जाता है | राजा राममोहन राय को ही भारत में राष्ट्रीय प्रेस का संस्थापक माना जाता है |
- लॉर्ड मेटकॉफ़ को भारतीय समाचार पत्रों का मुक्तिदाता कहा जाता है |
- 1905 में इंडियन होमरूल सोसायटी की स्थापना लंदन में श्यामजी कृष्ण वर्मा ने की थी |
- महादेव गोविंद रानाडे को भारत का सुकरात कहा जाता है |
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तुर्की शासकों ने सुल्तान की उपाधि धारण की | महमूद गजनी प्रथम शासक था, जिसने सुल्तान की उपाधि धारण की थी | महमूद गजनी को सुल्तान की उपाधि बगदाद के खलीफा ने दी थी |
खिज्र खां के अलावा दिल्ली सल्तनत के सभी तुर्की शासकों ने खुद को सुल्तान कहा था | खिज्र खां ने खुद को रैयत-ए-आला कहा था |
दिल्ली सल्तनत के सुल्तान खुद को खलीफा का नायब कहते थें | एकमात्र सुल्तान मुबारकशाह खिलजी ने खुद को खलीफा घोषित किया था |
- दिल्ली सल्तनत में सैन्य विभाग, जिसे दीवान ए अर्ज कहा जाता था, की स्थापना बलबन ने की थी |
- अलाउद्दीन खिलजी दिल्ली का प्रथम सुल्तान था जिसने भूमि की नाप-जोख करवाई | अलाउद्दीन खिलजी ने राज्य की समस्त भूमि को खालसा भूमि के अंतर्गत कर लिया था |
- दिल्ली सल्तनत में मुबारक शाह खिलजी ने खलीफा की सत्ता को अस्वीकार कर दिया था और खुद को खलीफा घोषित कर दिया था |
- भारत में तैमूर के आक्रमण के समय दिल्ली का सुल्तान नासिरुद्दीन महमूद तुगलक था |
- दिल्ली सल्तनत में संपत्ति की न्यूनतम मात्रा, जिस पर जकात देना पड़ता था, को निसाब कहा जाता था |
- दक्षिण भारत में चिश्ती परंपरा का प्रारंभ शेख बुरहानुद्दीन गरीब ने किया था |
- बीजापुर के शासक इब्राहिम आदिल शाह द्वितीय को अपने राज्य में हिंदुओं के प्रति सहानुभूति रखने और उन्हें संरक्षण देने के कारण जगतगुरु कहा जाता था |
- कश्मीर के शासक जैनुल आबदीन को कश्मीर का अकबर कहा जाता था |
- संगम वंश विजयनगर साम्राज्य में सबसे ज्यादा समय तक शासन करने वाला वंश था |
- विजयनगर दरबार के कवि पेद्न्ना को आन्ध्र कविता का पितामह का जाता है |
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- मुगल बादशाह हुमायूं ने सप्ताह के 7 दिन में सात रंग के कपड़े पहनने का नियम बनाया था |
- अकबर ने अब्दुर्रहीम को खानखाना की उपाधि गुजरात में 1584 में हुए विद्रोह को सफलतापूर्वक दबाने के कारण दी थी |
- अकबर की भू राजस्व व्यवस्था का प्रवर्तक राजा टोडरमल था | राजा टोडरमल को जब्ती प्रणाली का जन्मदाता माना जाता है |
- मुगल बादशाह शाहजहां के शासनकाल को स्थापत्य कला का स्वर्णकाल माना जाता है |
- मुगल बादशाह बहादुर शाह प्रथम, जिसका वास्तविक नाम मुअज्जम था, को शाहे बेखबर कहा जाता था |
- मुगल बादशाह जहांदार शाह को लंपट मूर्ख कहा जाता था |
- मुगल बादशाह फर्रूखसियर को घृणित कायर कहा जाता था |
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- शिवाजी की आठ मंत्रियों की परिषद को अष्टप्रधान कहा जाता था | अष्टप्रधान का प्रधान पेशवा होता था |
- शिवाजी के समय जमीन पर वंशानुगत अधिकार रखने वाला व्यक्ति मिराजदार कहलाता था |
- बाजीराव प्रथम मराठा राज्य का द्वितीय संस्थापक माना जाता है |
- बाजीराव प्रथम शिवाजी के बाद गुरिल्ला युद्ध का सबसे बड़ा संचालक था | बाजीराव प्रथम पेशवाओं में सर्वाधिक योग्य पेशवा था |
- मराठा राज्य का अंतिम पेशवा बाजीराव द्वितीय था | बाजीराव द्वितीय एक अयोग्य पेशवा था जिसके कारण मराठा शक्ति का पतन हुआ |
- दक्कन में स्वतंत्र हैदराबाद राज्य की स्थापना चिनकिलिच खां (निजाम उल मुल्क) ने 1724 में की थी |
- स्वतंत्र बंगाल राज की स्थापना मुर्शिद कुली खां और अलीवर्दी खां की थी |
- जाट नेता सूरजमल को जाटों का अफलातून अथवा जाट जाति का प्लेटो कहा जाता है |
- चोल सत्ता (800-1200 ई) की स्थापना विजयालय की थी | विजयालय ने नरकेसरी की उपाधि धारण की थी |
- कन्नौज पर अधिकार को लेकर हुए त्रिपक्षीय संघर्ष में अंतिम रूप से विजय गुर्जर प्रतिहारों की हुई थी |
- प्रतिहार वंश के शासक भोज को मिहिरभोज भी कहा जाता है | भोज ने आदिवराह और प्रभास की उपाधि धारण की थी |
- परमार वंश के शासक भोज ने कविराज की उपाधि धारण की थी | परमार राजा भोज ने भोजपुर नगर और भोजसर नामक तालाब का निर्माण करवाया था |
- कल्हण ने अपनी राजतरंगिणी की रचना लोहार वंश के अंतिम शासक जयसिंह के शासनकाल में की थी |
- कश्मीर के लोहार वंश के राजा हर्ष को कश्मीर का नीरो कहा जाता है |
- सबसे पहले ह्वेनसांग ने कृषि को शूद्रों का व्यवसाय बताया था
- कायस्थों का सबसे पहला वर्णन याज्ञवल्क्य स्मृति में प्राप्त होता है |
- जाति के रूप में कायस्थों का पहला उल्लेख ओशनम स्मृति से प्राप्त होता है |
- गुप्तोत्तर काल का सबसे प्रसिद्ध बंदरगाह ताम्रलिप्ति (बंगाल) था |
- गुप्त काल के अंतिम चरण में पाटलिपुत्र का पतन हुआ और कन्नौज का उत्थान हुआ |
- गुप्त साम्राज्य का सबसे बड़ा अधिकारी कुमारामात्य होता था |
- मंदिर बनाने की कला का जन्म गुप्तकाल में हुआ था |
- चंद्रगुप्त प्रथम को गुप्त मुद्रा का जन्मदाता माना जाता है |
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- गुप्त काल की प्रथम मुद्राएं राजारानी प्रकार (लिच्छवी प्रकार) की मुद्राएं हैं |
- समुद्रगुप्त ने आर्यावर्त के 9 राजाओं और दक्षिणावर्त के 12 राजाओं को पराजित किया था |
- गुप्त काल में पुलिस विभाग का प्रमुख दण्डपाशिक कहलाता था |
- फाह्यान बताता है कि गुप्तकालीन बाजारों में साधारण लेनदेन में कौड़ियों का इस्तेमाल होता था |
- सती प्रथा का पहला अभिलेखीय प्रमाण 510 ईसवी में एरण अभिलेख में मिलता है |
- गुप्त सम्राट कुमारगुप्त को शक्रादित्य भी कहा जाता था | सम्भवतः कुमारगुप्त ने ही नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की थी |
- देवगढ़ का दशावतार मंदिर गुप्तकालीन मंदिर कला का सर्वोत्तम उदाहरण है |
- सर्वप्रथम सोने के सिक्के हिंदू यूनानी राजाओं ने जारी किए थे और सिक्कों पर लेख उत्कीर्ण करवाया था |
- संस्कृत भाषा का सबसे बड़ा अभिलेख शक राजा रुद्रदामन का जूनागढ़ अभिलेख है |
- देवगढ़ का दशावतार मंदिर (गुप्त काल में निर्मित) मंदिर निर्माण का ऐसा पहला उदाहरण मिलता है जिसमें शिखर का प्रयोग हुआ है |
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- भारतीय-यूनानी राजा मेनाण्डर ने बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया था वही हेलियोडोरस ने भागवत धर्म को स्वीकार कर लिया था |
- अशोक ने बौद्ध धर्म अपनाने के बाद बौद्ध धर्म प्रचारको के माध्यम से मध्य एशिया, जापान, चीन, तिब्बत, बर्मा, कम्बोडिया, थाईलैंड में बौद्ध धर्म पहुंचाया |
- महाविभाषा सूत्र को बौद्ध धर्म का विश्वकोश कहा जाता है | महाविभासा सूत्र की रचना वसुमित्र ने की थी |
- भगवान बुद्ध की मूर्तियां सबसे ज्यादा गांधार कला के अंतर्गत बनी है | अब तक भगवान बुद्ध की मूर्तियां दो रूपों में मिली है – खड़ी हुई रूप में और बैठी हुई रूप में |
- भूमि दान का प्रथम अभिलेख सातवाहनों के समय (प्रथम शताब्दी ईसा पूर्व) का प्राप्त हुआ है |
- कुषाण राजा कनिष्क ने कश्मीर को जीतकर कनिष्कपुर नगर की स्थापना की थी |
- बौद्ध दार्शनिक नागार्जुन को भारत का आइंस्टीन कहा जाता है | नागार्जुन की तुलना मार्टिन लूथर से की जाती है |
- अवतारवाद का प्रथम स्पष्ट उल्लेख भगवद्गीता में मिलता है |
- बौद्ध ग्रंथ सुत्तपिटक को आरंभिक बौद्ध धर्म का इनसाइक्लोपीडिया कहा जाता है |
- चार आश्रमों का प्रथम उल्लेख जाबाल-उपनिषद में मिलता है |
- अथर्ववेद में नरिष्ठा वह स्थान था, जहाँ सामूहिक वाद-विवाद होता था |
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